भगवान् के मन्दिर से भी ज्यादा पवित्र है आपका अपना विघा मन्दिर। चूकिं जीवन को सजाने एवं सावरने का कार्य यहॉ होता है। जिस लक्ष्य से विघा मन्दिर में प्रवेष होता है उसे पूरी प्रमाणिकता के साथ पूरा करने का संकल्प विघा मन्दिर के निर्माताओं, शिक्षकों एवं अपने अभिभावकों को प्रसन्नता दे सकता है। विघालय की सुरक्षा, स्वच्छता एवं इसकी शान की रक्षा का ध्यान रखकर आगे बढ़ना है और देश का गौरव बढ़ाना है।
आचार्य श्री चन्दनाजी

